इनर व्हील क्लब ऑफ़ जगदलपुर एवं चेतना चाइल्ड एंड वूमेन वेलफेयर सोसाइटी के संयुक्त तत्वाधान में खूबसूरत रंगोली बनाकर एचआईवी एड्स से बचाव का दिया संदेश.
इनर व्हील क्लब ऑफ़ जगदलपुर एवं चेतना चाइल्ड एंड वूमेन वेलफेयर सोसाइटी के संयुक्त तत्वाधान में खूबसूरत रंगोली बनाकर एचआईवी एड्स से बचाव का दिया संदेश.
इनर व्हील क्लब ऑफ़ जगदलपुर एवं चेतना चाइल्ड एंड वूमेन वेलफेयर सोसाइटी के संयुक्त तत्वाधान में खूबसूरत रंगोली बनाकर एचआईवी एड्स से बचाव का दिया संदेश.
जगदलपुर- inn24 (रविंद्र दास)विश्व एड्स दिवस पर इनर व्हील क्लब ऑफ़ जगदलपुर एवं चेतना चाइल्ड एंड वूमेन वेलफेयर सोसाइटी के संयुक्त तत्वाधान में डिमरापाल मे स्थित स्व. बलिराम कश्यप मेडिकल कॉलेज व स्व. महेंद्र कर्मा हॉस्पिटल में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें इनर व्हील क्लब एवं चेतना चाइल्ड एंड वूमेन वेलफेयर के सदस्यों एवं छात्र-छात्राओं ने रंगोली व वहां पर उपस्थिति लोगो को रेड रिबन लगा कर और उसकी महत्व को बताते हुए एचआईवी/एड्स के होने और बचाव का संदेश दिया।
इनर व्हील क्लब ऑफ़ जगदलपुर एवं चेतना चाइल्ड एंड वूमेन वेलफेयर सोसाइटी के संयुक्त तत्वाधान में खूबसूरत रंगोली बनाकर एचआईवी एड्स से बचाव का दिया संदेश.
इनर व्हील क्लब की अध्यक्षा ममता सिंह राणा ने विभिन्न शिक्षा संस्थानों से आए छात्र-छात्राओं को बताया कि एचआईवी एक वायरस है और एड्स एक अवस्था ये कैसे फैलता है और इसे कैसे रोका जा सकता है इसकी विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई,एड्स मरीजों के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं करने की अपील करते हुए कहा कि यह छूत की बीमारी नहीं है। इससे ग्रस्त लोगों को भी सम्मान जनक जीवन व्यतीत करने का पूरा अधिकार है।
बस्तर में पिछले 15 सालो से एचआईवी/ऐड्स पर कार्य कर रही है संस्था चेतना चाइल्ड एंड वूमेन वेलफेयर सोसाइटी की अध्यक्षा सुश्री रेखा पार्या ने इस वर्ष की थीम “समुदाय को नेतृत्व करने दे” को ध्यान में रकते हुए कहा की एड्स से प्रभावित लोग अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए अपनी आवाज उठाने में सक्षम बने और सामने आए,
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इनर व्हील क्लब ऑफ़ जगदलपुर एवं चेतना चाइल्ड एंड वूमेन वेलफेयर सोसाइटी के संयुक्त तत्वाधान में खूबसूरत रंगोली बनाकर एचआईवी एड्स से बचाव का दिया संदेश.
लोगों में एचआईवी/एड्स के बारे में जागरूकता पैदा करना बहुत जरूरी है।जिन लोगों को एड्स है उनके साथ सामान्य बीमार लोगों की तरह ही व्यवहार किया जाना चाहिए। इनके बारे में किसी भी तरह की भ्रांति नहीं पालना चाहिए।समाज में जितनी ज्यादा वैज्ञानिक सोच जाएगी,उतनी ही भेदभाव खत्म होगा।सभी को इस दिशा में प्रयास करना चाहिए।युवाओं की इस मामले में अहम भूमिका हो सकती है।
इस अवसर पर मुख्य रूप से ज्योति चिखलीकर, अरुण जोबनपुत्रा,उषा गोंदी,लवी सूरी,सारिका चिंचोलकर सहित छात्राएं उपस्थित थी।